2023, Vol. 8 Issue 2, Part A
योग द्वारा चरित्र निर्माण तथा बुद्धि विकास का संक्षिप्त विश्लेषण
AUTHOR(S): Pankaj Salani and Dr. Vikas Arya
ABSTRACT:हमारे जीवन में जो गुण एकत्रित होते है वही हमारे चरित्र निर्माण में सहायक होते हैं। जिस मनुष्य का चरित्र जितना अच्छा रहेगा वह उतनी ही प्रसिद्धि प्राप्त करता है। चरित्र के द्वारा ही समाज में मनुष्य की पहचान बनती है। चरित्र रूपी हीरे के द्वारा सभी बाधाओं की समाप्ति होती है। चरित्र का निर्माण करने में योग बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है। माता-पिता तथा गुरू भी चरित्र निर्माण में सहायक हैं परंतु फिर भी इनके द्वारा चरित्र में जो कमी अनुभव होती है उसे विद्यार्थी योग शिक्षा द्वारा पूरी कर लेता है। पाश्चात्य सभ्यता हमारे चरित्र निर्माण में सकंट है। इसे हम योग जैसी शैली अपनाकर ही समाप्त कर सकते हंै। बुद्धि का विकास जब तक नहीं होगा तब तक न तो मनुष्य में विवेक की उत्पति हो सकती और न ही शांति उत्पन हो सकती। यह सब केवल योग द्वारा ही संभव है। अनेक तत्व जैसे गायत्री मंत्र, जप, आसन, प्राणायाम द्वारा चरित्र निर्माण तथा बौद्धिक विकास संभव हैै। ये सभी यौगिक तत्व ही हैं।
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How to cite this article:
Pankaj Salani, Dr. Vikas Arya. योग द्वारा चरित्र निर्माण तथा बुद्धि विकास का संक्षिप्त विश्लेषण. Int J Yogic Hum Mov Sports Sciences 2023;8(2):24-27.