2018, Vol. 3 Issue 2, Part H
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास में धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की à¤à¥‚मिका
AUTHOR(S): Jyoti MA
ABSTRACT:
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का बहà¥à¤¤ ही महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ विषय है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के आधार पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° का पूरà¥à¤µà¤•à¤¥à¤¨ à¤à¥€ किया जा सकता है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने गà¥à¤£à¥‹à¤‚ या विशेषताओं के कारण दूसरों से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है। शà¥à¤°à¥€ अरविनà¥à¤¦ ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ विकास के कà¥à¤°à¤® में à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•, à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•, बौदà¥à¤§à¤¿à¤•, चैतà¥à¤¯, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• तथा अति मानसिक सोपानों का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया था। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सोपानों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जा सकता है। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ केवल à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤µà¤¾à¤¦ व à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•, बौदà¥à¤§à¤¿à¤• तक सीमित है। धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤“ं को बà¥à¤¾à¤•à¤° बौदà¥à¤§à¤¿à¤• से चैतà¥à¤¯, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• व अति मानसिक सोपान को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ अपने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का विकास आसानी से कर सकता है।
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How to cite this article:
Jyoti MA. वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास में धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की à¤à¥‚मिका. Int J Yogic Hum Mov Sports Sciences 2018;3(2):499-500.