ABSTRACT:इस मनà¥à¤·à¥à¤¯ देह का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ मोकà¥à¤· (कैवलà¥à¤¯) की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ है। इसी मोकà¥à¤· व कैवलà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठहमारे ऋडà¥à¤¢à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ - मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¥à¤¡à¥à¤¢à¤¾à¤°à¥à¤¥ चतà¥à¤·à¥à¤ य (धरà¥à¤®, अरà¥à¤¥, काम, मोकà¥à¤·) इन चारों की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठआशà¥à¤°à¤® - वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बनाई। इस वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से à¤à¥€ यही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होता है कि मानव जनà¥à¤® का अंतिम लकà¥à¤·à¥à¤¯ मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ । यह पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ कैसे हो इसके लिठहमें योग साधना को अपनाना या करना पडेगा। इसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही इस विशà¥à¤¦à¥à¤§ सतà¥à¤® की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤à¤µ है।
लेकिन यह इतना आसान नहीं है। इसके लिठहमें योग साधना के पथ पर अगà¥à¤°à¤¸à¤° होना पड़ेगा। योग साधना या इस पथ पर आगे बà¥à¤¨à¥‡ के लिठहमें आवशà¥à¤¯à¤• है दृॠसंकलà¥à¤ª, दृढ इचà¥à¤›à¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ व सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ की। जो केवल और केवल मन के योगसà¥à¤¥ होने पर ही संà¤à¤µ है।
लेकिन हम केवल शरीर व बाहà¥à¤¯ सौंदरà¥à¤¯, शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ व सफाई की बात करते है इस शरीर से à¤à¥€ बलवान, मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ मन की नहीं। जिसकी अशà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हमारे आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤•à¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° के मारà¥à¤— में बहà¥à¤¤ बड़ी बाधा है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मन कामनाओं, विचारों, à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं और आवेगों का à¤à¤• गटà¥à¤ र है जिसमें जनà¥à¤®-जनà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤° के संसà¥à¤•à¤¾à¤° दबें पड़े हैं। इन संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को मिटाना है तो हमें (चितà¥à¤¤) मन की चंचलता को दूर करना होगा।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मन की चंचलता ही मन में शबà¥à¤¦, रà¥à¤ª, रस, गंध और विडà¥à¤¢à¤¯à¥‹à¤‚ को उठाती है। इनसे ही काम, कà¥à¤°à¥‹à¤§, लोà¤, मोह, दà¥à¤µà¥‡à¤¡à¥à¤¢ आदि à¤à¤¾à¤µà¤¦à¤¶à¤¾ बनती हैं इन à¤à¤¾à¤µà¤¦à¤¶à¤¾à¤“ं को ही वृति कहते हैं। जब ये वृतियां रà¥à¤• जाती हैं तो उस अवसà¥à¤¥à¤¾ को योग कहते हैं। कहने का à¤à¤¾à¤µ है कि मन(चितà¥à¤¤)वृतियों के रà¥à¤• जाने पर आतà¥à¤®à¤¾ अपने सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª में ठहर जाती है। व समाधि अवसà¥à¤¥à¤¾ या मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हो जाती है।
अब पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ है कि यह मन(चितà¥à¤¤) कà¥à¤¯à¤¾ है इसका कà¥à¤¯à¤¾ अरà¥à¤¥ है, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨, लकà¥à¤·à¤£ व गà¥à¤£, उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿, सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª, कारà¥à¤¯ व नियंतà¥à¤°à¤£ के उपाय कौन से हैं। इन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° जानना अंतत आवशà¥à¤¯à¤• हो गया है।